पढ़ाई में मन कैसे लगाएँ के 8 तरीके : Padhai Me Man Kaise Lagaye

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पढ़ाई (study) आज के समय की सबसे जरूरी आवश्यकता है जोकि सभी लोगों  के लिए आवश्यक है। लेकिन ये हमें तब समझ आता है जब हमारा पढ़ने का समय निकल चुका होता है। अब सवाल ये है कि समय पर अपने मन को  पढ़ाई मे कैसे लगाए |Padhai Me Man Kaise Lagaye|

Padhai Me Man Kaise Lagaye

पढ़ाई में मन कैसे लगाएँ Padhai me man kaise lagaye


वैसे पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती है लेकिन समय पर किए गए किसी भी कार्य की अहमियत और रिजल्ट का ज्यादा महत्व होता है। किसी किसी को पढ़ने का बहुत शौक होता है लेकिन ज्यादातर लोगों का पढ़ने में मन नहीं लगता है। 
इसी क्रम में आज हम बात करने वाले हैं कि पढ़ने में अपना मन कैसे लगाएं (padhayi mein man kaise lagayein)। इससे संबंधित मुख्य बिन्दु निम्न हैं-
पढ़ाई के मूल्य और महत्व को समझें-
अपना लक्ष्य बनाएँ-
अपनी क्षमता को पहचाने-
कम पढ़ें समझकर पढ़ें –
अपने पूरे दिन का टाइम टेबल बनाएँ-
खानपान पर ध्यान दें-
पढ़ने के घंटों को कम्परोंमाइज़ मत कीजिए-

पढ़ाई (study) के मूल्य और वैल्यू को समझें-

सबसे पहले हमें ये समझना होगा की पढ़ना क्यों है। इस पढ़ाई से हमें क्या मिलने वाला है। जब तक आप ये नहीं समझेगें तब तक आपका मन पढ़ने से विचलित होता रहेगा। अब सवाल आता है कि कैसे पता करें की क्यों पढ़ना है? इसके लिए आप अपने माता पिता, गुरुजन आदि से सलाह ले सकते हैं। वैसे अलग अलग लोगों के लिए पढ़ने के लिए अलग अलग मायने होते हैं। छात्रों के लिए पढ़ने के मुख्यतः मुख्य महत्व होते है –
 पढ़ाई सबका अधिकार है।
पढ़ाई से ज्ञान मिलता है।
ज्ञान होने पर अच्छी नौकरी।
अच्छी नौकरी होने से आप अपनी जीवन आकांक्षा पूरी कर सकते हैं।
पढ़ने से आप गलत सही को समझ सकते है
पढ़ने से सामाजिक सोच विकसित होती है
पढ़ने से आप कठिनाईयों से लड़कर उनसे जीत सकते हैं।
पढ़ने से समाज में आपकी वल्यू बढ़ेगी।
याद रहे पढ़ाई सिर्फ एक सर्टिफिकेट लेना नहीं है। अगर आप के पास ज्ञान नहीं है तो फिर उस सर्टिफिकेट का कोई मतलब नहीं है।

अपना लक्ष्य बनाएँ  Decide your Aim –

एक बार जब आपने पढ़ने के मूल्य को समझ लिया फिर अब आपको अपना लक्ष्य तय करना है की आपको किस लिए पढ़ना है।
बिना लक्ष्य तय किए हुए आप आगे नहीं बढ़ सकते। जब आप अपना लक्ष्य बना लेंगे तो आप को उसे पूरा करने की उत्सुकता फिक्र होगी। शुरुआत में आप छोटे-छोटे लक्ष्य बनाईए।

जैसे मान लीजिए कि किसी क्लास में आपके नंबर कम आए है। आप इसी को एक छोटे लक्ष्य के रूप में लीजिए की अगली क्लास में मुझे इतने पर्सेन्ट नंबर लाने है और आगे की कई क्लासों तक उसे बनाये रखने का। और इसे प्राप्त करने के लिए ही जुटें।

लेकिन साथ ही आपको ये भी पता होना चाहिए की आपका अंततः लक्ष्य क्या है? मतलब –
आप एक जॉब के लिए पढ़ रहे हैं।
आपको किस प्रोफेशन (व्यवसाय) की जॉब में जाना है। मतलब आपको टीचिंग लाइन, इंजीनियरिंग, मेडिकल, डिफेन्स, बैंकिंग, रेल्वे, सिवल सर्विसेज (आईएएस, पीसीएस) आदि में जाना है
उस प्रोफेशन में आप किस लेवल (बड़ी पोस्ट) की जॉब पर जाना कहते हैं
या फिर आप अपना बिजनस करना चाहते हैं आदि।

अपनी क्षमता को पहचाने-

प्रत्येक छात्र की अपनी अलग अलग क्षमता होती है। कोई किसी चीज में आगे होता है कोई किसी चीज में। साथ ही अपनी बॉडी ट्यूनिंग को भी समझिए। मतलब कि कोई रात को देर तक पढ़ सकता है कोई सुबह तड़के उठकर। आप किसी का देखा दाखी मत कीजिए आप को जब भी सबसे ज्यादा कॉमफ़र्ट लगे तभी पढें। एक बार जब आप पढ़ना शुरू करेंगे तो ये आपको 3-4 दिन में पता चल जाएगा।

अगर एक घंटा से ज्यादा नहीं बैठ पा रहे है तो हर आधे घंटे के बाद 10 मिनट का ब्रेक लें फिर शुरू करें। इस प्रकार हर ब्रेक के बाद आप को फ्रेशनेस महसूस होगी और आपका कुल पढ़ने का समय बढ़ जाएगा।

कम पढ़ें समझकर पढ़ें –

एक बार जब अब आप ने पढ़ना शुरू कर दिया। फिर आपको पढ़ने की गुणवत्ता पर ध्यान देना है। गुणवत्ता से तात्पर्य है की आप ने बीते कल जितना पढ़ा था उसमें से कितना आने वाले कल तक या तीन दिन बाद कितना याद रहेगा।

अक्सर होता क्या है कि जब हम पढ़ते हैं तो उस वक्त तो लगता है की याद हो गया या समझ आ गया लेकिन दो तीन बाद ये भूल जाता है या अधूरा याद रहता है और ध्यान रहे अधूरा ज्ञान बहुत खतरनाक होता है।
इस समस्या से बचने के लिए हमें गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत है। 
अपने टाइम टेबल के हिसाब से शुरुआत में कम टॉपिक को ज्यादा बार पढ़ें। एक बार में पूरा पाठ पढ़ने से बेहतर है उतने ही समय में उस पाठ के आधे टॉपिक को ही पढ़ें लेकिन अच्छे से और समझ कर पढ़ें । ऐसा करने से आपको बार बार रीवाइज (दोहराना) करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जोकि आपको परीक्षा नजदीक आने पर मदद करेगी।


अपने पूरे दिन का टाइम टेबल (time table) जरूर बनाएँ-

24 घंटे के समय को अपनी सहूलियत के लिहाज से बांटें मतलब अपना टाइम टेबल बनाये। आप अभी 24 घंटे को कैसे व्यतीत करते हैं पहले उसे लिखें। फिर उसमें से कितना समय आप पढ़ाई पर दे रहें है उसको मार्क कीजिए। 

फिर नए टाइम टेबल में पढ़ाई के समय को ही उच्च प्राथमिकता के साथ बनाये, मतलब घर पर पढ़ने के कम से कम 4-6 घंटे निर्धारित करें। सोने के 6-7 घंटे के साथ टाइम टेबल में अपने मनोरंजन या खेलने के समय को भी जरूर शामिल करें।
टाइम कैसे बनाए इसे जानने के लिए आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

खानपान पर ध्यान दें-

अब जब आप अपने 24 घंटे कैसे खर्च करने हैं डिसाइड कर लिया तो फिर उसी अनुसार आपको अपने खानपान पर ध्यान देंना पड़ेगा। आपके घर में जो भी उपलब्ध है उसी को आप समय से और उचित मात्रा में लीजिए। साथ ही एक बार में ज्यादा खाने से अच्छा है की दो तीन बार में थोड़ा थोड़ा खाएँ और भरपूर पानी पियें।

पढ़ने के घंटों को कम्परोंमाइज़ मत कीजिए-

एक बार जब आपने पढ़ना शुरू कर लिया है फिर उसे हमेश जारी रखें। हो सकता आपके टाइम टेबल के हिसाब से आपके पढ़ने का समय घर के किसी अन्य काम को करने में बीत गया तो इसका मतलब ये नहीं की आप उतने घंटे की पढ़ाई छोड़ दें। 

अन्य कार्यों को करने में खर्च हुए समय को आप पढ़ने के समय से कम्परोंमाइज़ मत कीजिए। उसे आप खेलने के समय या सोने के समय में कम्परोंमाइज़ या खर्च कीजिए। ऐसा करने से पढ़ने की आपकी निरन्तरता बनी रहेगी और आपका मन पढ़ाई से नहीं हटेगा।

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