5 जून विश्व पर्यावरण दिवस : को शुभकामना देने से अच्छा कम से कम एक पेड़ लगाएं।

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“पर्यावरण” अर्थात पृथ्वी पर हमारे आसपास मौजूद पेड़-पौधों की उपस्थिति ही पर्यावरण है। बिना पेड़ पौधों के मानव जीवन की कल्पना करना आसान नहीं है। क्योंकि पेड़ पौधों से ही हमें जीवन दायिनी आक्सीजन की प्राप्ति होती है वो भी सीधे तौर पर बिना किसी मूल्य के। और शायद इसीलिए पेड़ पौधों की कद्र उतनी नहीं की जाती है जितनी होनी चाहिए। पारिस्थितिकी तंत्र में पेड़ पौधों का बहुत बड़ा योगदान है।    
पेड़ पौधों की रक्षा और उनकी देखभाल के लिए ही प्रत्येक साल 5 जून को  “विश्व पर्यावरण दिवस”  “world environment day” के रूप में मनाया जाता है।

विश्व पर्यावरण दिवस  मनाए जाने की शुरुआत

साल 1972 में संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार 5 जून को “विश्व पर्यावरण दिवस” के रूप में मनाए जाने का प्रस्ताव पास किया था। और 1974 में पहली बार “विश्व पर्यावरण दिवस” मनाया गया और इसका स्लोगन था “केवल एक पृथ्वी”। 

1977 के “विश्व पर्यावरण दिवस” को ओज़ोन परत पर फोकस करके मनाया गया।

1979 में “विश्व पर्यावरण दिवस” को “अंतरराष्ट्रीय बच्चा वर्ष” के साथ जोड़कर मनाया गया और इसका स्लोगन दिया गया “ हमारे बच्चों के लिए केवल एक भविष्य” ।

1981 में मनाया गया “विश्व पर्यावरण दिवस ” भूजल और खाद्य श्रृंखला में जहरीले रसायन की ओर ध्यान आकर्षित करता है। 

इसी तरह प्रत्येक साल मनाए गए “विश्व पर्यावरण दिवस” का स्लोगन अलग अलग बिंदुओं को ध्यान में रखकर बनाया जात है।

साथ ही प्रत्येक वर्ष  दुनिया के अलग अलग शहरों को इसकी मेजबानी दी जाती है।  अब तक सबसे ज्यादा बार बांग्लादेश के शहरों को इसकी मेजबानी दी गई है।

भारत की मेजबानी

अब तक भारत को दो बार “विश्व पर्यावरण दिवस” आयोजित करने की मेजबानी का मौका मिला है –

2011 – नई दिल्ली – इस साल का स्लोगन था “ वन: आपकी सेवा में प्रकृति”
2018 — नई दिल्ली – “प्लास्टिक प्रदूषण को हराओ”

वर्तमान वर्ष 2020 का आयोजन 

2020 में “विश्व पर्यावरण दिवस” कोलंबिया में आयोजित किया जाएगा और इसका स्लोगन है “प्रकृति के लिए समय” ।

हमारी जिम्मेदारी 

अपने पर्यावरण की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। अपने आसपास हम वृक्षारोपण कर सकते है। शहरी आवादी में पेड़ों की बहुत कमी है इनकी भरपाई भी ग्रामीण क्षेत्रों के पेड़ों से ही होती है। अतः खुद के साथ साथ औरों को भी जागरूक बनाना आवश्यक है। बहुत बड़े लेवल पर नहीं प्रत्येक वर्ष यदि हम सिर्फ एक पेड़ ही लगाएँ और वो भी अपने फायदे वाले जैसे की आम, जामुन, महुआ आदि जिनसे हमें खाने योग्य फल प्राप्त होता है तथा उनकी एक अच्छे पेड़ बनने तक देखभाल करें तो भी हम एक हरे भरे पर्यावरण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

आपके द्वारा लगाया गया सिर्फ एक पेड़ सोशल मीडिया पर दी गई “विश्व पर्यावरण दिवस” की सैकड़ों शुभकामनाओं से लाख गुना बेहतर है। 
     

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