भारतीय महीनों के नाम हिन्दी में

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 भारतीय महीनों के नाम हिन्दी में  indian months name in  hindi

जैसा की हम जानते  हैं भारत विभिन्न परम्पराओं और विविधताओं का देश  है।  इसलिए यहाँ पर सभी चीजों का अपना नाम और उपयोग है।  

उन्हीं में से एक है तिथियां और महीने।  यहाँ अंग्रेजी महीनों के अलावा हिंदी महीने भी तिथियों को पता करने के लिए प्रयोग किये जाते हैं।  

 हिंदी कैलेंडर के  चंद्र वर्ष व सूर्य वर्ष दोनों के महीने अलग-अलग होते हैं। सूर्य मास सूर्य की संक्रांति से आरंभ होता है। वहीं, चंद्र मास पूर्णिमांत और अमांत दो प्रकार के होते हैं।   

हिंदी कैलेंडर का पहला महीना चैत्र और अंतिम महीना फाल्गुन होता है।  

निम्न तालिका में हिंदी महीनों के नाम months name in hindi   के साथ  अंग्रेजी महीनों  के नाम भी दिए गए हैं। 

महीना

हिंदी 

अंग्रेजी

पहला

चैत्र

मार्च – अप्रैल 

दूसरा

वैशाख

अप्रैल – मई 

तीसरा

ज्येष्ठ

मई – जून 

चौथा

आषाढ़

जून – जुलाई 

पांचवां

श्रावण

जुलाई – अगस्त 

छटवां

भाद्रपद

अगस्त – सितम्बर 

सातवां

अश्विन

सितम्बर – अक्टूबर 

आठवाँ

कार्तिक

अक्टूबर – नवंबर 

नौवां

मार्गशीर्ष

नवंबर – दिसंबर 

दसवां

पौष

दिसंबर – जनवरी 

ग्यारहवां

माघ

जनवरी – फरवरी 

बारहवां

फाल्गुन

फरवरी – मार्च 

ये बारहों हिंदी महीने 12  राशियों के अनुसार हैं 

हिंदी महीने 

 राशि (हिंदी ) 

राशि (अंग्रेजी )

चैत्र

मेष

 Arise – एरीस

वैशाख

वृष 

 Taurus – टोरस

ज्येष्ठ

मिथुन 

Gemini – जैमिनी

आषाढ़

कर्क

Cancer – कैंसर

श्रावण

सिंह 

Leo- लिओ

भाद्रपद

कन्या

Virgo – वर्गो

अश्विन

तुला 

Libra – लिब्रा

कार्तिक

वृश्चिक

Scorpio – स्कोर्पियो

मार्गशीर्ष

धनु 

Sagittarius – सजिटेरियस

पौष

मकर

Capricornus – कैप्रिकॉर्न

माघ

कुंभ 

Aquarius – एक्वेरियस

फाल्गुन

मीन 

Pisces- पाइसेज

हिंदी महीने भी एक साल में बारह ही हैं और एक  महीने में दो पक्ष होते है 15 -15 दिनों के।

A ) शुक्ल पक्ष

B  )  कृष्ण पक्ष  

दोनों पक्षों का पहला दिन प्रतिपदा होता है और अंतिम दिन  पंद्रहवीं तिथि पूर्णिमा या अमावस्या होती है।

महीनों के पक्षों  के दिनों  का नाम निम्न तालिका में दिया गया है।  

 शुक्ल पक्ष 

 कृष्ण पक्ष 

प्रथमा (प्रतिपदा )

प्रथमा (प्रतिपदा )

द्वितीया 

द्वितीया 

तृतीया 

तृतीया 

चतुर्थी 

चतुर्थी 

पंचमी 

पंचमी 

छठी 

छठी 

सप्तमी 

सप्तमी 

अष्टमी 

अष्टमी 

नवमी 

नवमी 

दशमी 

दशमी 

एकादशी 

एकादशी 

द्वादशी

द्वादशी

त्रयोदशी 

त्रयोदशी 

चतुर्दशी 

चतुर्दशी 

 पूर्णिमा 

 अमावस्या 

पूर्णिमा और अमावस्या चन्द्रमा के घटते और बढ़ते आकार के अनुसार होता है। 
दोनों पक्षों में चंद्र के आकार की स्थिति निम्न चित्र से समझ सकते है 

 

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