वैसे तोअयोध्या के बारे में काफी लोगों ने बहुतकुछ सुना होगा आपने. फिर भी मेरा पर्सनल अनुभव रहा है की बहुत से लोग नहीं जानते है अयोध्या को, अयोध्या के बारे. हमने तो बचपन में हिंदी की किताब में पढ़ा था | “राजा दशरथ” नाम का एक पाठ हुआ करता था. उसी में हमने पहली बार अयोध्या के बारे में बस इतना जाना क़ि यहाँ पर भगवान राम का जन्म हुआ था| वैसे और भी कई जगह इतिहास के पन्नो में अयोध्या का नाम अलग अलग नामों से दर्ज है| जिसके बारे में बहुत कम लोगो जानते है|
वर्तमानअयोध्या उत्तेरप्रदेश के फैज़ाबाद जिले में था जोकि अब खुद एक जिला बनकर फैजाबद का स्थान ले चुका है | ये सरयू नदी के तट परबसा हुआ है | कुछ जगहों पर सरयू नदी को ही घाघरा के नाम से जाना जाता है| अयोध्या में सरयू नदी एकदम शांतचित स्वभावसे प्रवाहित होते हुए आगे जाकर रौद्र रूप धारण करती हैं |
वर्तमानमें जो फैज़ाबाद, बस्ती और गोंडा है उसके केंद्रबिंदु पर अयोध्या की उपस्थिति मानी जा सकती है बस फर्क इतना है की गोंडा और बस्तीसरयू के उस पार है तथा फैज़ाबादऔर अयोध्या इस पार हैं |
अयोध्यानाम कि उत्पति —
अयोध्याशब्द संस्कृत भाषा के “युद्ध ” शब्द से उत्पन्न हुआ है परन्तु “अ” शब्द प्रयोग करकेयुद्ध का नकारात्मक बनाया गया है अतः अयोध्या का मतलब ये हुआ कि ‘युद्ध न करने के लिए ‘ | ऐसा ‘अथर्ववेद‘ में कहा गया है . अयोध्या का एक मतलब और है “अजेय ” मतलब जिसे जीता न जा सके|
साकेतऔर कौशल, अयोध्या के दो नामों का जिक्र और मिलता है| बुद्धिस्ट और जैनिस्ट में साकेत को कौशल महाजनपद किराजधानी बताया गया है |
अयोध्याकि स्थिति – आसपास के जिले
UP कि राजधानी लखनऊ से एकदम सीधा रास्ता है जोकि लखनऊ – गोरखपुर राज्यमार्ग पर लखनऊ से लगभग १२० किमी की दुरीपर पूर्व दिशा में है | बस, ट्रैन, प्राइवेट टैक्सी सबकुछ मिल जाते है आने – जाने के लिए | उत्तर में गोंडा है , दक्षिण में सुल्तानपुर तथा पूर्वमें बस्ती और अम्बेडकरनगर है जिनकी दूरियां १०० से १२० किमी . के आसपास ही है I लखनऊ सेआते हुए रास्ते में बाराबंकी भी अब अयोध्या से सटा हुआ ही है | इसके अलावा दक्षिण–पश्चिम में अमेठी भी अपनी सीमा बनाता है | ठीक दक्षिण में संगमनगरीइलाहाबाद (अब प्रयागराज) की दुरी भी कुछ ज्यादा खास नहींहै यही कोई १५० किमी. के आसपास है
सरयूपार जाने के लिए सड़क परिवहन और रेल परिवहन दोनों के लिए पुल है . नए रेल पुल का उद्घाटन स्व. अटल विहारी बाजपेयी ने २००४ ईस्वी में अपने कार्यकाल के दौरान कियाथा. सरयू पार स्थित कटरा से फैज़ाबाद के बीच लगभग८.५ किमी. के पुल के बन जाने से रेल यातायात काफी सुगम हो गया है .
वर्तमानअयोध्या —
वर्तमानमें अयोध्या, मंदिर और मस्जिद विवाद जिसकाजन्म करीब १९८५ ईस्वी में हुआ, के लिए ज्यादा जाना जाता है न की की भगवान राम के जन्म के लिए, जिनका जन्मकई सदीपहले हुआ था . हालाँकि इसपर लोगो के अलग अलग मत है. फिलहाल जोभी हो सब स्वतंत्र भारत के नागरिक हैसबको अपनी राय रखने काहक है.
वैसे सच कहाजाये तोचाहे अयोध्या हो चाहेफैज़ाबाद बुनियादी विकास उस रफ्तार से किसी का नहींहुआ जिस रफ्तार से होना चाहिए था. औद्योगिक विकासएकदम नहीं है. कृषि मुख्य व्यवसाय है. गन्ने की खेती भरपूर होती है वैसे पैदा तो सारी फसलें की जाती है लेकिन गन्ने की बात ही कुछ और है.
शिक्षाके मामले में बहुतपीछे तो नहीं है लेकिन आधुनिकीकरण की बहुत जरूरत है. अयोध्या मेंही पूर्वांचल का सबसे बड़ा महाविद्यालय कामताप्रसाद सुंदरलाल महाविद्यालय है जिसेसाकेत महाविद्यलय के नाम से जाना जाता है जोकि डॉ राममनोहर लोहिया अवधविश्वविद्यालयसे सम्बन्धित है .
फैज़ाबादजंक्शन और अयोध्या जंक्शन को मिलाकर दो रेलवे जंक्शन है , एक बस स्टेशन है. एक हवाई पट्टी है , जबकि एक एयरपोर्ट प्रस्तावित है.
Bahut achchha hai